Rumored Buzz on Shiv chaisa
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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
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दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, shiv chalisa lyricsl इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे more info मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।